
दुनिया भर से हर रूप की और प्रत्येक प्रकार की गरीबी को समाप्त करना यह लक्ष्य है। ऐसी गरीबी को हटाना हमारा पहला कदम है, जहाँ लोगों के पास जीने के लिए पर्याप्त खाना नहीं होता। इस लक्ष्य का दायरा सिर्फ भोजन और पानी से परे है। इसमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि हर किसी के पास काम और रहने की जगह, अस्पतालों तक पहुंच, अपने विचारों को कहने का अवसर, तथा अपने कौशल का उपयोग करने का अवसर हो।

दुनिया भर में 685 मिलियन लोग प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम राशि पर गुजारा करते हैं।


भुखमरी यह कुपोषण की एक स्थिति है जो तब उत्पन्न होती है जब आपने लंबे समय तक ठीक से खाना नहीं खाया हो। इस लक्ष्य के द्वारा सुनिश्चित किया गया है कि बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को उचित पोषण-युक्त व पर्याप्त भोजन मिले। स्थिर खाद्य उत्पादन को बढ़ाते हुए पर्यावरण और फसलों की विविधता (बहुत सारी विभिन्न प्रकार की चीजें उपलब्ध होना) को संरक्षित करना यह लक्ष्य है।

हर साल 5 साल से कम आयु के 3.1 मिलियन बच्चों की कुपोषण से मृत्यु होती है।


हर कोई स्वस्थ रहे, बीमारी की रोकथाम हो और पर्याप्त चिकित्सा उपचार उपलब्ध हो, यह लक्ष्य है। महिलाएं सुरक्षित रूप से बच्चों को जन्म दे पाएं और दवाएं व टीके सभी के लिए उपलब्ध होने चाहिए। दुर्घटनाओं और वायु, जल व भूमि के प्रदूषण के कारण होने वाली चोटों या मौतों को कम करना भी इस लक्ष्य के अंतर्गत आता है।

इसका उद्देश्य दवाओं और टीकों के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को बचाना है।


सभी को आजीवन शिक्षा के अवसरों के साथ ही उच्च गुणवत्तापूर्ण, समान शिक्षा प्रदान करना, यह लक्ष्य है। सुरक्षित और सुलभ स्कूल उपलब्ध कराने और योग्य शिक्षकों की संख्या बढ़ाने से इस लक्ष्य की पूर्ति में सहायता मिलेगी। संघर्ष और आपदा के बीच भी शिक्षा जारी रखना महत्वपूर्ण है।

प्राथमिक विद्यालय आयु के लगभग 57 मिलियन बच्चों को स्कूल जाने का कोई अवसर नहीं मिलता। आइए विचार करें कि ऐसा क्यों हो रहा है।


इसका लक्ष्य महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना है, ताकि उनके खिलाफ भेदभाव को रोका जा सके। महिलाओं पर होने वाले शारीरिक, भावनात्मक और यौन अत्याचारों को रोकना; घर में किए गए काम का सम्मान करना; गर्भावस्था और प्रसूति से संबंधित महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना; और राजनीति, आर्थिक व्यवस्था इत्यादि में महिलाओं की समान भागीदारी को प्रोत्साहित करना, आदि इसमें शामिल हैं।

कई देशों में, सरकार में महिलाओं की संख्या बहुत कम है। आइए कई अलग-अलग तरीकों से महिलाओं को पुरुषों के बराबर बनाएं।


उचित स्वच्छता प्रबंधन के माध्यम से सभी को स्वच्छ पानी और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना, यह लक्ष्य है। इसके लिए, हर कोई सीवेज जल प्रबंधन और कूड़ा निपटान जैसी स्वच्छता सुविधाओं से युक्त वातावरण में रह सके यह सुनिश्चित करने, तथा पानी का पुन:उपयोग करने हेतु और अधिक प्रयास करने का उद्देश्य है।

कई लोगों को कुओं से पानी भरना पड़ता है और अशुद्ध पानी पीने से कई बच्चों की मृत्यु होती है।


केवल लकड़ी या कोयले से ही नहीं बल्कि बिजली या गैस के नए स्रोतों के माध्यम से भी, सभी को विश्वसनीय, कम कीमत वाली ऊर्जा प्रदान करना, यह लक्ष्य है। इसके लिए स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा (जैसे सूर्य प्रकाश, हवा, बहती नदियाँ और समुद्री ज्वार) का अधिक से अधिक उपयोग करना और ऊर्जा की कार्यक्षमता बढ़ाना, यह मुख्य बिंदु हैं।

आइये विचार करें, कि किस प्रकार की ऊर्जा मनुष्य और पर्यावरण के लिए अच्छी है।


सम्मानजनक कार्य का अर्थ है, प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करते हुए आर्थिक विकास को लाभ पहुँचाने वाला काम हर किसी को उपलब्ध होना। जिन्हें काम करने के लिए मजबूर किया जाता है, ऐसे 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से नुकसान पहुँचाने वाले बाल श्रम को समाप्त करना, यह लक्ष्य है। नौकरी के बिना जीवन बहुत कठिन होता है।

यह अच्छा होगा, यदि अधिक कंपनियां मनुष्य और पर्यावरण के महत्व को समझ सकें।


बुनियादी सुविधाओं का अर्थ है भवन, परिवहन, सेवाएं इत्यादि जिनकी लोगों को अपने दैनिक जीवन में आवश्यकता होती है। इसके अधिक उदाहरण हैं, जल आपूर्ति, रेलमार्ग, गैस, बिजली और इंटरनेट। आपदा-रोधी बुनियादी ढांचे का निर्माण करना, संधारणीय और समावेशी आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना और नई प्रौद्योगिकियों की खोज को आसान बनाना, यह लक्ष्य है।

आपको क्या लगता है कि देशों या कंपनियों के नेतृत्वकर्ताओं को पर्यावरण और श्रमजीवी लोगों के लिए क्या करना चाहिए?


देशों के बीच तथा देशों के अंदर असमानता या मतभेदों को कम करना, यह लक्ष्य है। गरीब लोगों की आय बढ़ाकर और विशेष प्रकार के लोगों के खिलाफ भेदभाव करने वाले कानूनों और प्रथाओं को नष्ट करके असमानता को समाप्त किया जा सकता है। किसी को भी यह पसंद नहीं आता है, कि उसके साथ असमान व्यवहार या भेदभाव किया जाए।

संधारणीय विकास तभी संभव है जब विभिन्न प्रकार के लोग समाज में सक्रिय रह सकें।


ऐसे शहर और समाज बनाना जहां हर कोई सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण आवास में रह पाएं तथा सभी को पानी, बिजली और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध हो, यह लक्ष्य है। समाज को आपदाओं के प्रति लचीला होना चाहिए। और उन्हें बच्चों, बुजुर्गों तथा अन्य कमजोर लोगों को सुरक्षित और आसान तरीके से सेवाएं प्रदान करते हुए वायु प्रदूषण और कूड़ा प्रबंधन की निगरानी करनी चाहिए।

आइए इस बारे में सोचें कि लोगों के रहने के स्थानों को सभी के लिए सुरक्षित और अधिक आरामदायक कैसे बनाया जाए।


चीजों के निर्माण और उपयोग के दौरान संसाधनों का अपव्यय तो नहीं हो रहा है, यह सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य है। इसे पूरा करने के महत्वपूर्ण तरीकों में हैं, दुनिया भर में भोजन की बर्बादी को आधा करना; पानी, हवा और मिट्टी के प्रदूषण-रोधी चीजें बनाते समय निकलने वाले हानिकारक रसायनों की निगरानी करना; और कूड़े को न्यूनतम करने के लिए तीन R (कम उपयोग - reduce, पुनः चक्रण - reuse व पुनः उपयोग - recycle) को अपनाना।

आपको क्या लगता है, कि लोगों को भोजन, पानी, ऊर्जा और अन्य संसाधनों का अपव्यय रोकने के लिए क्या करना चाहिए?


जलवायु परिवर्तन इसलिए हो रहा है क्योंकि मनुष्यों द्वारा किया जाने वाला कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और अन्य पदार्थों का उत्सर्जन पृथ्वी को गर्म कर रहा है और मौसम बदल रहा है। जलवायु परिवर्तन की समस्याओं और इसके कारण निर्माण होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अभी कार्रवाई करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

आइए विचार करें कि CO2 उत्सर्जन को कैसे रोका जाए।


अधिकांश महासागरीय प्रदूषण उन चीजों के कारण होता है जो लोग भूमि पर करते हैं। महासागरीय प्रदूषण को कम करना, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला अवैध मछली पकड़ने का कार्य समाप्त करना, और समुद्र के संसाधनों का संधारणीय उपयोग किया जा सके यह सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य है।

महासागर गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक कचरे से भरे हुए हैं जो पानी को प्रदूषित करते हैं और मछलियों के शरीर में प्रवेश करते हैं।


वनों की रक्षा करना और रेगिस्तान के विस्तार को रोकना भूमि पारिस्थितिकी तंत्र (दूसरे शब्दों में, जानवर और वह वातावरण जिसमें वे रहते हैं) के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए और उन्हें संधारणीय तरीके से उपयोग करने के लिए महत्वपूर्ण है। लुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षित किया जाना चाहिए और जैव विविधता के नुकसान को रोका जाना चाहिए।

आइए सोचें कि हम वनस्पति और जानवरों की घटती संख्या को कैसे रोक सकते हैं।


हमारा लक्ष्य है, शांतिपूर्ण और समावेशी समाज बनाना जिसमें हर किसी के लिए कानून-व्यवस्था (न्यायालय और कानूनी प्रक्रियाएं) सुगम हो, और यह सुनिश्चित करना कि समाज, देश और वैश्विक स्तर पर न्यायसंगत संस्थाएं सक्रिय हों।

प्रत्येक व्यक्ति को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और न्यायपूर्ण दुनिया में रहना संभव होना चाहिए।


इस लक्ष्य में यह सुनिश्चित करना है कि सभी देश 1 से 16 तक के लक्ष्य पूरे करने के लिए मिलकर काम करें। SDGs को राष्ट्रीय योजनाओं में शामिल किया जाना चाहिए और उनकी पूर्ति के लिए बड़े कदम उठाए जाने चाहिए। प्रत्येक देश को यह सोचने की आवश्यकता है कि वह क्या कार्रवाई कर सकता है और लक्ष्यों की पूर्ति के लिए अपने वित्तीय संसाधनों का उपयोग कैसे कर सकता है। विकसित देश, विकासशील देशों को उनके प्रयासों में सहायता कर सकते हैं।

आइए SDGs के मिशन को पूरा करना सुनिश्चित करें: किसी को भी पीछे न छोड़ें। आप स्वयं क्या कर सकते हैं इसके बारे में सोचें!
